अलवर स्थित नारायणी धाम में विभिन्न स्थानों से आई पदयात्राओं का महासंगम हो रहा है। सैन समाज के इस सबसे बड़े आयोजन से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाने की सैन इंडिया ने खास व्यवस्था की है।
अलवर। श्री सैन जी महाराज की वार्षिक पदयात्राओं का महासंगम हो रहा है। नारायणी धाम पर आयोजित इस लक्खी मेले में जयपुर, कोटा, अलवर, दौसा, अजमेर, किशनगढ़ समेत कई जगहों से पदयात्रायें पहुंची। इतना ही नहीं इस वार्षिक लक्खी मेले में राजस्थान के विभिन्न इलाकों के साथ-साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में सैन भक्त पहुंचे हैं।
वैसे तो नारायणी धाम में मेले का माहौल तीन-चार पहले से नजर आना शुरू हो गया था बृहस्पतिवार रात तक यहां अधिकांश पदयात्री पहुंच चुके थे। बाकी शुक्रवार सुबह पहुंच गये। डीजे पर थिरकते कदम, हाथ में ध्वजा, सैन जी के जैकारे लगाते भक्तों के जत्थे के जत्थे नजर आ रहे है। अखिल भारतीय नारायणी धाम प्रबंध समिति, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन समेत विभिन्न सामाजिक संगठन यहां मेले की व्यवस्थायें सम्हाले हुये है।
पदयात्रियों का स्वागत
नारायणी धाम अलवर जिले के राजगढ़ तहसील के गांव बलदेवगढ़ में स्थित है। श्री सैन समाज सेवा समिति एवं श्री नारायणी धाम डीसीएम पदयात्रा प्रबंध समिति के भंवरलाल केशोपुरा एवं विनोद कुमार सैन ने बताया कि पदयात्रियों का यहां पहुंचने के साथ ही माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया जा रहा है। जगह-जगह भंडारे, सवामणी आयोजित हो रही है।उन्होंने बताया कि शुक्रवार को सुबह तक यहां हजारों की संख्या में सैन भक्त पहुंच चुके है। इनका आना लगातार जारी है। चारों और आस्था का सैलाब नजर आ रहा है। यहां पवित्र जलधारा में स्नान कर भक्त पुण्य कमा रहे है।
सैन समाज समिति बहरोड, अलवर के कोषाध्यक्ष राधेश्याम सैन ने बताया कि नारायणी धाम पर मेले का माहौल बन चुका है। यहां भंडारा 13,14,15,तक निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों के इस आयोजन में पहुंचने की अपील की है। बताया कि नारायणी धाम पर मेले का माहौल बन चुका है। यहां भंडारा 13,14,15,तक निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों के इस आयोजन में पहुंचने की अपील की है।
नारायणी धाम में कलश यात्रा
शुक्रवार की रात को यहां जागरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन होगा। शनिवार, 14 सितंबर को सुबह छह बजे से सामूहिक स्नान शुरू होगा। सुबह आठ बजे कलश यात्रा एवं शोभायात्रा आयोजित होगी। इसके बाद पदयात्रा अध्यक्षों का सम्मान कार्यक्रम आयोजित होगा। आयोजन में मुख्य सानिध्य श्रीश्री 1008 सैनाचार्य अचलानंदजी महाराज, जोधपुर और चम्पालाल जी महाराज मुख्य उपासक भैरव धाम, राजगढ़ होंगे।
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