अलवर स्थित नारायणी धाम पर पदयात्राओं का महासंगम देखते ही बन रहा है। प्रदेशभर से 150 से ज्यादा पदयात्रायें यहां पहुंची है।
नारायणी धाम पर पदयात्राओं के महासंगम में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले तीन—चार दिन में नारायणी धाम में कम से कम 150 पदयात्रायें पहुंची है। किसी में 11 पदयात्री शामिल थें तो कुछ पदयात्रायें ऐसी भी है जिनमें पदयात्रियों की संख्या हजारों में रही। ये पदयात्रायें अलवर, जयपुर, दौसा, कोटा, बूंदी, बारां, अजमेर, भरतपुर समेत कई जगहों से पांच—छह दिन पैदल चलने के बाद यहां पहुंची। मोटरसाइकिल यात्रायें भी यहां पहुंची है। इसके अतिरिक्त यहां बड़ी संख्या में नारायणी माता और सैन जी महाराज के भक्त अपने साधनों से पहुंचे है। हालांकि धारा 144 लागू होने से नारायणी माता के दर्शन को लेकर प्रशासन सख्ती नजर आई। भक्तों ने पवित्र धारा में स्नान कर सैन जी महाराज की मूर्ति के दर्शन किये।
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पदयात्रियों को सुविधायें उपलब्ध कराने में सैन समाज के विभिन्न संगठनों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। पदयात्रियों की सेवा में यहां दो दर्जन से अधिक संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता पिछले कई दिन से सक्रिय है। जयपुर, अलवर, दौसा से नारायणी धाम जाने वाले सभी रास्तों पर पदयात्रियों का जगह—जगह स्वागत किया गया। रास्ते में कई जगह शरबत, आइक्रिम, फल, नाश्ते और भोजन की व्यवस्थायें जनसहयोग से की गई। नारायणी धाम पर आयोजित इस महासंगम का समापन वैसे तो शनिवार हो जायेगा। भंडारे में भोजन के बाद पदयात्रियों का लौटना शुरू हो गया है।
मोबाइल नेटवर्क ने बिगाड़ा मूड
नारायणी धाम और उसके आसपास क्षेत्र में मोबाइल पर सिग्नल नहीं मिलने की समस्या का सामना पदयात्रियों को करना पड़ रहा है। यहां पहाड़ी क्षेत्र होने और एक या दो कंपनी के टावर होने से मोबाइल पर सिग्नल नहीं मिल रहे। जो टावर है उस पर एकाएक ट्रेफिक बढ़ गया। मोबाइल पर स्पष्ट आवाज नहीं आना, कनेक्टिविटी नहीं होना, इंटरनेट नहीं चलना जैसी समस्याएं सामने आ रही है। इस वजह से यहां की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर बहुत कम शेयर हो पा रही है।
जयपुर में नहीं बजा डीजे
जयपुर में पिछले दिनों साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं को देखते हुये प्रशासन की ओर से पदयात्रा के दौरान डीजे और बैंड बजाने की अनुमति नहीं दी गई। पदयात्रा के मार्ग में भी आंशिक बदलाव करना पड़ा। पदयात्रा के आयोजकों ने भी पुलिस प्रशासन का पूरा सहयोग किया और कुछ विशेष थाना इलाकों में बिना डीजे के पदयात्रा निकाली।
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