नारायणी धाम को लेकर इन दिनों समाज में राजनीति गरमाई हुई है। सैन समाज के तकरीबन 11 हजार से ज्यादा सदस्यों वाले एक संगठन के चुनाव को लेकर विवाद है।
जयपुर। नारायणी धाम, अलवर में 20 अगस्त 2019 को एक महापंचायत का ऐलान किया है। यह महापंचायत सैन समाज के ही एक ग्रुप ने बुलाई है। जबकि अखिल भारतीय श्री नारायणी प्रबंध एवं विकास समिति इसे गलत बताकर विरोध कर रही है। यह विवाद इन दिनों खासा चर्चा में है।
इस विवाद को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर छींटाकशी भी चल रही है। अलवर और जयपुर में बैठकों के दौर चल रहे है। सैन इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार, यह विवाद अखिल भारतीय श्री नारायणी धाम प्रबंध एवं विकास समिति के चुनाव को लेकर है। 11 हजार से ज्यादा सदस्यों वाली इस समिति के चुनाव 2015 में हुये थें और अशोक सरना अध्यक्ष पद पर निर्विरोध चुने गये। ये चुनाव तीन साल के लिये थे। इस हिसाब से 2018 में फिर से चुनाव होने चाहिये।
इस बीच एक जानकारी यह भी आ रही है कि 8 अगस्त 2017 को ही इस समिति के चुनाव हुये और उसमे सरना फिर से अध्यक्ष बन गये। दोनों जानकारियां सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अखिल भारतीय श्री नारायणी धाम प्रबंध एवं विकास समिति से जुड़े पदाधिकारी एवं लोग सोशल मीडिया पर समिति के चुनाव को वैध बता रहे है और दूसरे गुट की ओर से आयोजित होने वाली महापंचायत को अवैध बता रहे है।
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इधर, विरोध गुट के लोगों का कहना है कि पंचायत होगी और सभी चीजे समाज के सामने रखी जाएगी। इसके लिये समिति की ओर से गांव-गांव में संपर्क भी किया जा रहा है। कई संगठनों का समर्थन मिलने का दावा भी किया जा रहा है। ये ग्रुप 2017 में हुये चुनाव पर सवाल उठा रहे है और यहां नये चुनाव की मांग कर रहे है। इसके लिये संघर्ष समिति भी बनाई गई है जिसके बैनरतले यह मोर्चा खोल रखा है।
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