Connect with us

News

राष्ट्रीय चिंतन शिविर: इन संगठनों और पदाधिकारियों ​की मिली सहमति

Published

on

सैन समाज के राष्ट्रीय चिंतन शिविर की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। शिविर में सैन समाज के विभिन्न संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने शामिल होने की सहमति प्रदान की है।

राष्ट्रीय चिंतन शिविर यूपी के महरौनी जिला ललितपुर स्थित बडोनियॉं मैरिज गार्डन में आयोजित होगा। मंगलवार, 10 सितंबर 2019 को आयोजित होने वाले इस राष्ट्रीय स्तर के आयोजन को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है।

कार्यक्रम संयोजक कायर्क्रम आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य ने बताया कि राकेश सैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सेन सविता एकता समिति, झाँसी, नंदकिशोर वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय सैन समाज, इंदौर, रामचंद्र प्रधान पूर्व एमएलसी/पूर्व पीसीएफ चैयरमैन, लखनऊ, सैन सुरेंद्र बदलिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष,अखिल भारतीय सैन सविता समाज, दिल्ली, संतोष कुमार सविता, उप निदेशक, कृषि विभाग, ललितपुर, रविन्द्र सैन बाजवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सैन सभा, संपादक सैन दर्पण और पिछड़ा वर्ग एक परिवार, सोनीपत, अशोक चौहान, उद्योगपति, इंदौर चिंतन शिविर के मुख्य अतिथि होंगे। अध्यक्षता समाज सेवी मुन्नालाल ठेकेदार, झांसी करेंगे।

सैन समाज का यह सम्मेलन राजनीतिक दलों के लिये जानिये क्यों है महत्वपूर्ण

राजेंद्र कुमार श्रीवास, रिटायर्ड अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीमच, सरजीत सिंह खण्डसाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आजाद पार्टी अपनी जिंदगी अपना दल कौशाम्बी (गाजियाबाद) यूपी रिटायर्ड जॉइन्ट चीफ मार्केटिंग ऑफिसर उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड, राजेंद्र टॉक्सिया, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य भाजपा युवा मोर्चा, राजस्थान, राजेश कुमार, सुल्तानपुर, जिला समाज कल्याण अधिकारी, रणवीर सिंह सैन, पूर्व सैनिक बागपत, दुर्लभजी गोंडलिया, रिटायर्ड सुप्रीम ऑफ पोस्ट ओफीसीज राजकोट, अनिल शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय नाई महासभा, मुंबई, संजय कुमार ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली भारतीय नाई समाज, दिल्ली, मोहन लाल बी शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव राष्ट्रीय सेन सभा/चैयरमैन अति पिछड़ा वर्ग मुंबई, सुभाष वर्मा, प्रदेश अध्यक्ष भरतीय सेन समाज, इंदौर, महेंद्र सेन, टीटीआई प्रदेश अध्यक्ष, युवा सैन समाज झाँसी, अनिल श्रीवास्तव, प्रदेश उपाध्यक्ष राष्ट्रीय नाई महासभा बरेली, जगमोहन बडोनियाँ, अध्यक्ष मानवता के लिए एक कदम संस्था, झाँसी, गुलशन नंदा, मेरठ, विजय प्रताप शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राष्ट्रीय नाई महासभा वाराणसी, विनोद शर्मा नन्दवंशी, पूर्व अध्यक्ष वाराणसी सैन समाज, वी के शर्मा, प्रदेश महासचिव राष्ट्रीय नाई महासभा प्रयागराज, लखन लाल सविता, जिलाध्यक्ष बुन्देलखण्ड कल्याण समिति, ललितपुर यूपी, डॉ मनोज सैन, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, भारतीय सेन समाज, सहारनपुर, राकेश सहल एडवोकेट राष्ट्रीय अध्यक्ष अति पिछड़ा लोक मोर्चा सहारनपुर, डॉ कैलाश बिहारी ठाकुर, प्रधान सम्पादक हिंदी मासिक पत्रिका घर घर का भाई, भागलपुर, अतुल कुमार नंद, सीतापुर, बी.डी. बंसल पत्रकार, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सविता महासभा महोबा, राधेश्याम सविता, वरिष्ठ पत्रकार झींझक, कानपुर देहात, धर्मेंद्र यागिक, सीईओ कृषक चेतना प्रोड्यूशर कम्पनी, कानपुर, रामजी सैन, रामायणी, झाँसी शिविर के मुख्य वक्ता होंगे।

सैन समाज का यह सम्मेलन राजनीतिक दलों के लिये जानिये क्यों है महत्वपूर्ण

ये हैं विशेष आमंत्रित अतिथि

मीरा दीदी, अध्यक्ष, माधव मीरा सेवा संस्थान, रघु पिपलिया रोड तपोवन, उज्जैन
किरन सैन, भाजपा महिला जिलाध्यक्ष सतना(मध्यप्रदेश)
सरिता आर्या, प्रदेश महामंत्री महिला कांग्रेस गंजबासौदा मध्यप्रदेश
उषा सैन, समाजसेविका, झाँसी
किरन सैन, जिलाध्यक्ष भाजपा महिला मोर्चा ललितपुर
भारती सैन, राष्ट्रीय महासचिव आशा संघ, झाँसी
रघुवीर सिंह श्रीवास, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भारतीय सैन समाज, भिंड, मध्यप्रदेश
भानु प्रताप सिंह, लखनऊ
रविन्द्र सैन राणा, दिल्ली राष्ट्रीय अध्यक्ष
डॉ. यतेंद्र कुमार सैन, प्रदेश अध्यक्ष, सैन सविता समाज बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश
राजेन्द्र सैन रज्जू , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नाई महासभा, बीना
गोरेलाल सैन, प्रदेश अध्यक्ष, सर्व सैन समाज, टीकमगढ, मध्यप्रदेश
राजेश कुमार शर्मा, पूर्व अध्यक्ष छात्र संघ इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
डॉ विनोद शर्मा, राष्ट्रीय महासचिव, जन नायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति, जौनपुर
राजेश्वर सैन, प्रदेशाध्यक्ष, राष्ट्रीय नाई महासभा, सागर, मध्यप्रदेश
राजेश सत्यम सैन, हाथरस, उत्तर प्रदेश
सत्य नारायण सैन, शिक्षक, कोटा, राजस्थान
अशोक सैन, राधौगढ़, मध्यप्रदेश
सुन्दर सैन आर्य, हापुड़, उत्तर प्रदेश
ब्रह्मानन्द सैन, जिलाध्यक्ष, शिवपुरी, मध्यप्रदेश
देवीदयाल सैन, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
सुरेश चंद्र ओमरे (एक्स आई.ए.एफ),
रमाकांत ठाकुर, पूर्व विधायक प्रत्याशी, आगरा
रामभज सेन, कुरुक्षेत्र, हरियाणा
के एल नापित, प्रदेश उपाध्यक्ष युवा सेन समाज मध्यप्रदेश छतरपुर
एम. एस. ठाकुर, सूरत (गुजरात)
शिवभजन सिंह सविता, रिडायर्ड सब इंस्पेक्टर यूपी पुलिस एवं जिलाध्यक्ष सविता महासभा, कानपुर
सुरेश श्रीवास आचार्य, CEO खुलासा न्यूज़ लाइव चैनल
डॉ अरुण कुमार सविता, प्रदेश अध्यक्ष सविता समाज कानपुर
पुरुषोत्तम सेन, वरिष्ठ समाजसेवी, कोटा, राजस्थान
राजेन्द्र प्रसाद ठाकुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति, मुंबई, महाराष्ट्र
हीरालाल श्रीवास, राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा सेन समाज संगठन, भोपाल
प्रवीण सैन परमात्मा, प्रदेशाध्यक्ष युवा सैन समाज, सतना, मध्यप्रदेश
डी.एस. राजौरिया, प्रदेश अध्यक्ष, संयुक्त सेन समाज संगठन, ग्वालियर, भोपाल
संजय कुमार सविता, समाजसेवी, कालपी
किशोरीलाल सैन, झाँसी
जयकरण सैन, प्रदेश संगठन मंत्री युवा सर्व सेन समाज, मध्यप्रदेश
विनीत सराठे पार्थ, राष्ट्रीय कवि एवं एमपी स्टेट हेड, खुलासा न्यूज
विनोद सैन, ग्वालियर
पुष्पेंद्र सेन, ओरछा
दिनेश ठाकुर, मैनपुरी
रवि शंकर सैन, पत्रकार, ललितपुर
डॉ अंचल सैन, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य चिकित्सा प्रकोष्ठ भाजपा
बाबूलाल सैन बटुक, प्रांताध्यक्ष, मध्यप्रदेश सैन समाज, भोपाल
सुरेश सैन, राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय सेन समाज
समय लाल सहगल, संस्थापक/संचालक मध्यप्रदेश सेन समाज, भोपाल
लक्ष्मण श्रीवास, युवा क्रन्तिकारी समाजसेवी, छत्तीसगढ़
नवल किशोर सैन, प्रदेश महामंत्री भरतीय सैन समाज, गुना, मध्यप्रदेश
प्रताप सिंह फिरोजपुरिया, पंजाब, सेन समाज अध्यक्ष
आर बी सैन, राष्ट्रीय महासचिव, नाई महासभा टीकमगढ
अशोक सैन, प्रदेशाध्यक्ष, विन्ध्य प्रदेश सैन समाज समिति, भोपाल
हरिशंकर नापित, शिक्षक एवं वरिष्ठ समाजसेवी, टीकमगढ
देवेंद्र नापित, समाजसेवी टीकमगढ
बृजबिहारी सैन, खानपुर, जिला झालावाड़, राजस्थान
सरदार सिंह सैन, विदिशा, मध्यप्रदेश
चौ. पवन भाई श्रीवास, प्रदेश अध्यक्ष, श्रीवास समाज संघ भिंड, मध्यप्रदेश
राजेंद्र सैन मावन, अशोकनगर गुना
राकेश सैन, पूर्व पार्षद नगर पंचायत नरवर, शिवपुरी
अमरजीत ठाकुर, जिला उपाध्यक्ष विश्व हिन्दु परिषद मोहम्मदपुर बलिया, उत्तर प्रदेश
डॉ आर.एस. सविता, समाजसेवी लहार, भिंड, मध्यप्रदेश
डॉ दिनेश सैन, राजगढ़ व्यावरा बाले (पीथमपुर सागौर इंदौर)
रमन श्रीवास्तव, एटा, यूपी
संजय कुमार श्रीवास्तव, समाजसेवी, मैनपुरी
त्रिलोक चन्द्र श्रीवास, प्रदेश अध्यक्ष सैन समाज, छत्तीसगढ़
कृपाल श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष सविता समाज कासगंज यूपी
योगेश श्रीवास्तव, नंदवंशी प्रदेश अध्यक्ष जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति, बदायुं, उत्तर प्रदेश अजय श्रीवास्तव नंदवंशी, प्रदेश सचिव जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति उत्तरप्रदेश
रविन्द्र श्रीवास्तव, पूर्व प्रधान, चंदौसी, जिला संभल, उत्तर प्रदेश
मनीष कुमार श्रीवास्तव, एडवोकेट, चंदौसी, जिला संभल, उत्तर प्रदेश
शैलेन्द्र श्रीवास, एडिटर-इन-चीफ, बसैया माँ न्यूज़ एवं जिलाअध्यक्ष मुरैना (म.प्र.) युवा सेन समाज संगठन
राधेश्याम सैन, भारतीय मजदूर संघ अध्यक्ष, उम्मेद मिल, पाली, राजस्थान
नारायण प्रसाद श्रीवास, अध्यक्ष सेन समाज, जबलपुर
मोहन लाल सैन, पटवारी, बीना, मध्यप्रदेश
संतोष कुमार सैन शिक्षक, ज्यौरा मौरा (टीकमगढ)
शिव चंद्र नंदन VNYS/ CMS/ADB आयुर्वेदा रसूलपुर दरियाव उन्नाव
एस के सविता नंदवंशी जिला मीडिया प्रभारी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया उन्नाव
दुर्गेश सविता यूथ जिलाध्यक्ष उन्नाव
शिव कुमार सविता, बांगरमऊ जिला उन्नाव, प्रदेशाध्यक्ष प्रगतिशील सविता सैन समाज वेलफेयर एसोशिएशन उत्तर प्रदेश
अनिल शर्मा, शुक्लागंज जिला उन्नाव प्रदेश महासचिव प्रगतिशील सविता सैन समाज वेलफेयर एसोशियेशन, उत्तर प्रदेश
संतोष सैन, प्रदेश अध्यक्ष सर्व समाज राजनांदगांव छत्तीसगढ़
रामबाबू श्रीवास, प्रदेश अध्यक्ष सैन महासभा मध्यप्रदेश एवं पूर्व पार्षद भिंड, ग्वालियर
दिलीप सविता, प्रदेश महासचिव, सविता समाज, उत्तर प्रदेश
जेपी आर्य, शिक्षक, उपाध्यक्ष, सविता समाज बांगरमऊ, उन्नाव
राकेश शर्मा, जौनपुर जिला कार्याध्यक्ष जननायक कर्पूरी ठाकुर सेवा समिति, जौनपुर
राकेश मालवीय, सेन प्रदेशाध्यक्ष मालवीय सैन समाज, मध्यप्रदेश
संतोष मालवीय सैन, प्रदेश उपाध्यक्ष मालवीय सैन समाज, मध्यप्रदेश
मुकेश मालवीय सैन, नसरूल्लागंज जिलाध्यक्ष, सीहोर
आशीष शर्मा, लखनऊ
आनंद वर्मा एडवोकेट हाई कोर्ट लखनऊ एवं प्रगतिशील सविता सैन समाज वेलफेयर एसोशियेशन, उत्तर प्रदेश
द्वारिका प्रसाद,कानपुर
राहुल सेन नंदवंशी, एडवोकेट, अयोध्या, उत्तर प्रदेश
शरद चंद सराठे, संयोजक सविता सहकार समिति एवं पूर्व अध्यक्ष सविता समाज भोपाल एवं भारतीय मजदूर संघ पेंशनर के राष्ट्रीय पदाधिकारी ,
विनोद माथुर, सह संयोजक, सविता सहकार समिति भोपाल एवं पूर्व अध्यक्ष सविता समाज भोपाल दयानंद चौक समाज आर्य समाज भोपाल के सदस्य एवं भारतीय मजदूर संघ बिजली कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी,
सुरेश सोनपुरे, कार्यक्रम संयोजक, सविता सेवक सहकारी समिति व प्रचार मंत्री प्रचार मंत्री मध्य प्रदेश सेन सविता समाज भोपाल एवं विभिन्न संस्कृत गतिविधियों के संयोजक भेल भोपाल,
मंजू सराठे, युवा नेत्री भारतीय जनता पार्टी भोपाल एवं सामाजिक कार्यकर्ता सविता समाज एवं सदस्य सविता सहकार समिति भोपाल तथा मध्यप्रदेश शासन भोपाल द्वारा प्रथम बार घोषित ज्योतिबा फूले घोषित पुरस्कार से सतना में पुरस्कृत
चंद्रप्रकाश सराठे, संपादक सैन संदेश, भोपाल तथा अध्यक्ष सराठे समाज, भोपाल तथा संचालक श्री राधा कृष्ण सेन मंदिर, तलैया, भोपाल
गोपाल सराठे, वरिष्ठ समाजसेवी एवं मध्य प्रदेश सेन सविता समाज समाज भोपाल के कार्यकारिणी सदस्य
जीतू सैन, व्यवसायी/राजनेता टीकमगढ
ब्रजकिशोर टिंकू, हिंदुस्तान न्यूज़ 24
ओमनाथ मुंशी, उरई, जालौन
विनोद विक्रम सिंह, मण्डल अध्यक्ष सविता सेन महासभा, रामनगर उरई
जनपद -जालौन
प्रदीप कुमार यज्ञीक, उरई
जितेंद्र कुमार उरई
नरेश कुमार यागयिक उरई
कैलाश सैन, विश्व हिंदू परिषद जिला उपाध्यक्ष एवं भारतीय सेन समाज जिला अध्यक्ष शाजापुर मध्य प्रदेश
संतोष कुमार वर्मा, मऊरानीपुर, झांसी
रघुवीर शरण यागिक, जिला अध्यक्ष श्रीवास सेन महासभा, भिंड मध्यप्रदेश
चमन सैन, जिलाध्यक्ष भारतीय सैन समाज, गाजियाबाद, यूपी

कार्यक्रम के आयोजक

राजू सेन, अध्यक्ष सैन समाज महरौनी
गोपीलाल सैन आचार्य, महामंत्री सेन समाज, महरौनी
बृजेश सैन, शिक्षक
राम कुमार सैन
राजीव सैन, युवा अध्यक्ष, सैन समाज, महरौनी
जितेंद्र सैन शिक्षक, युवा मंत्री, सैन समाज महरौनी
बसंत सैन
रामस्वरूप सैन

सैन (नाई) समाज के ताजा सामाचार प्राप्त करने के लिये फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। सैन समाज से जुड़ी जानकारी एवं समाचार आप हमारे माध्यम से पूरे समाज के साथ शेयर करें। यदि आपके पास कोई जानकारी या सूचना है तो हमें आवश्य भेजे। WHATSAPP NO. 8003060800.

Spread the love
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

News

कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न मिलेगा

Published

on

कर्पूरी ठाकुर को बिहार के सामाजिक न्याय का मसीहा माना जाता है। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो न केवल बिहार में बल्कि देश में मिसाल बने।

नई दिल्ली। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी 100वीं जयंती से एक दिन पहले 23 जनवरी को यह घोषणा की। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार डिप्टी सीएम रहे। वे पिछड़े वर्गों के हितों की वकालत करने के लिए जाने जाते थे। कर्पूरी ठाकुर सैन नाई समाज के गौरव है।

कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। वे 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक मुख्यमंत्री रहे। जबकि 5 मार्च 1967 से 31 जनवरी 1968 तक डिप्टी सीएम रहे।

कर्पूरी ठाकुर को बिहार के सामाजिक न्याय का मसीहा माना जाता है। उन्होंने कई ऐसे फैसले लिए जो न केवल बिहार में बल्कि देश में मिसाल बने। देश में सबसे पहले उन्होंने पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया। पढ़ाई में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया। इसके साथ ही उन्होंने मैट्रिक तक की पढ़ाई को भी मुफ्त कर दिया।

उन्होंने बिहार में उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा भी दिया। पिछड़े ही नहीं, अगड़ों को भी 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। स्वतंत्रता का संघर्ष हो या जेपी का आंदोलन, कर्पूरी ठाकुर की अग्रणी भूमिका रही।

24 जनवरी को हुआ था कर्पूरी ठाकुर का जन्म

कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ। उनका निधन 17 फरवरी 1988 को हुआ। वे बिहार के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने पहली बार 1952 में विधानसभा चुनाव जीता था। समस्तीपुर के पितौंझिया (अब कर्पूरी ग्राम) में 1904 में सिर्फ एक व्यक्ति मैट्रिक पास था। 1934 में 2 और 1940 में 5 लोग मैट्रिक पास हुए थे। इनमें एक कर्पूरी ठाकुर थे। वे ऑस्ट्रिया जाने वाले डेलीगेशन में चुने गए। उनके पास कोट नहीं था। एक दोस्त से मांगा। कोट फटा था। कर्पूरी जी वही कोट पहनकर चले गए। वहां युगोस्लाविया के मार्शल टीटो ने देखा कि उनका कोट फटा है। उन्हें नया कोट गिफ्ट किया।​​​​​​

देश के गरीब को पेंशन मिलती तो बड़ी बात होती

इंदिरा गांधी ने सांसदों-विधायकों को प्रलोभन देते हुए मासिक पेंशन का कानून बनाया था। तब कर्पूरी ठाकुर ने कहा था- मासिक पेंशन देने का कानून ऐसे देश में पारित हुआ है, जहां 60 में 50 करोड़ (तब की आबादी) लोगों की औसत आमदनी साढ़े तीन आने से दो रुपए है। यदि देश के गरीब लोगों के लिए 50 रुपए मासिक पेंशन की व्यवस्था हो जाती, तो बड़ी बात होती।

 

Spread the love
Continue Reading

Feature

टिकटों के लिए सभी जातियां बना रहीं है दबाव, सैन समाज को भी प्रयास करने चाहिए

Published

on

राजस्थान में सैन यानि नाई समाज अति पिछड़ा वर्ग में शामिल है। इस समाज की बहुलता वाला कोई क्षेत्र विशेष नहीं है। इसलिए राजनीतिक दलों के स्तर पर हमेशा से उपेक्षा होती रही है। किशनाराम नाई, विमल भाटी, राजेंद्र ​सैन, महेंद्र गहलोत,प्रभु सैन ऐसे जुझारू नेता है जो टिकट के लिए दावेदार है। सूरतगढ़ में प्रभु सैन ने अपना बायोडेटा दिया है। वे क्षेत्र में काफी स​क्रिय है और उनकी पकड़ अन्य समाजों में भी है। वहीं, डूंगरगढ़ में किशनाराम नाई की भाजपा में वापसी भी समाज के लिए शुभ संकेत है। जयपुर में राजेंद्र सैन कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता है। उनके लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए।

जातियां गेमचेंजर की भूमिका निभाती है

राजस्थान में 200 विधानसभा क्षेत्रों में से  90 सीट ऐसी मानी जाती हैं जहां जातियां गेमचेंजर की भूमिका निभाती है। सत्ता तक पहुंचने की चाबी भी इनके हाथ रहती है। यहीं वजह है चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी प्रमुख जातियों के नाम से बोर्ड का गठन कर इन्हे साधने की कोशिश की। वहीं, ये जातियां भी संख्याबल के आधार पर राजनीतिक दलों से टिकटों की मांग कर रही हैं।

महाकुंभ, महासम्मेलन, महारैली, महासंगम, हुंकार रैली, मैराथन दौड़ जैसे आयोजनों के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर राजनीतिक दलों पर ​ज्यादा से ज्यादा टिकट के लिए दबाव बनाए हुए है। इन आयोजनों में भी सामाजिक और जातीय एकता पर जोर देते हुए एक ही संदेश दिया जा रहा है कि पार्टी-वार्टी कुछ नहीं बस, जाति के लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट मिले। मांग पूरी नहीं करने वाले राजनीतिक दलों को चुनाव में सबक सिखाने जैसी चेतावनी दी जा रही है।
इन आयोजनों और चेतावनी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की टेंशन को बढ़ा रखा है। जिस हिसाब ये जातियां टिकट मांग रही हैं, उस संख्या में टिकट देने से कई समीकरण बिगड़ सकते है। दरअसल, कुछ बड़ी और प्रभावशाली जातियां ऐसी हैं जहां परस्पर प्रतिस्पर्धा के कारण राजनीतिक पार्टियों के लिए टिकट की संख्या बहुत मायने रखेगी। जाति आधारित जनगणना नहीं होने से किसी जाति या समाज के लोगों की वास्तविक संख्या और उनके प्रभाव क्षेत्रों का कोई सटीक और आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। पिछले चुनाव परिणामों के आधार पर विश्लेषण कर प्रभाव का आकलन किया जाता है। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए राजनीतिक दल जातिगत आधार पर टिकट देने से बच रहे है और टिकट घोषणा किस तरह की जाए, इस पर भी मंथन कर रहे है ताकि किसी जाति को यह नहीं लगे कि उसकी उपेक्षा हुई है।

यह है जातिगत समीकरण

राजस्थान में 89 फीसदी आबादी हिंदू, 9 फीसदी मुसलमान और शेष दो फीसदी अन्य धर्मों के लोग है। एससी 18 और एसटी 13 फीसदी है। जाटों की आबादी 12 फीसदी, गुर्जर-राजपूतों की आबादी 9-9 फीसदी, जबकि ब्राह्मण-मीना की आबादी 7-7 फीसदी है। मारवाड़ और शेखावटी में करीब 50 सीटों पर जाट और राजपूत हार—जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मेवात में 20 सीटों पर गुर्जर, मीणा, जाट और मेव का प्रभाव है। हाड़ौती में 10 सीटों पर ब्राह्मण, जैन और वैश्य समाज तथा मेवाड़ में पाटीदार, पटेल, डांगी, देवासी और आदिवासी एक दर्जन सीटों पर समीकरणों को प्रभावित करते हैं। इन समीकरणों को देखकर भाजपा परिवर्तन यात्रा और नेताओं के दौरे तय कर रही है। परिवर्तन यात्रा का रूट और उनके प्रभारी पदाधिकारी इस पर तय किए हैं कि वे अपने प्रभाव से परम्परागत वोट बैंक को बचाते हुए कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी कर सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अ​मित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के दौरे एवं कार्यक्रम भी इन्हे देखकर तय किए जा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न जातियों के बोर्डों का गठन कर जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। जाट जाति के लिए तेजाजी बोर्ड, राजपूत जाति के लिए महाराणा प्रताप और यादव के लिए कृष्ण बोर्ड बनाने की घोषणा हो चुकी है. गुर्जर के लिए देवनारायण बोर्ड, माली के लिए ज्योतिबा फुले , धोबी के लिए रजक, नाई के लिए केश कला, कुम्हार के लिए माटी कला, लोध के लिए अवंति बाई और बंजारा जाति के लिए घुमन्तु अर्ध घुमंतू बोर्ड का गठन किया जा चुका है।

कौन कितने वोट मांग रहा है

सैन समाज

सैन समाज की ओर से भी विभिन्न स्तर पर टिकट की मांग की जा रही है। राजस्थान में श्रीडूंगरगढ़, सूरतगढ़ में सैन समाज के लोगों टिकट प्राप्त करने के लिए सक्रिय है। समाज को कम से कम पांच—पांच टिकट भाजपा और कांग्रेस को ​देने चाहिए।

 राजपूत समाज

क्षत्रिय करणी सेना ने विधानसभा चुनाव में 75—75 सीटों पर राजपूत उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग की है। इतने टिकट नहीं देने पर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारने की चेतावनी दी है। 8 अक्टूबर को जयपुर में महापड़ाव आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। राजपूत समाज के अन्य संगठनों द्वारा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भी दबाव बनाया जा रहा है। समाज से जुड़े अन्य संगठनों की ओर से पहले भी हुंकार रैली तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से टिकट की मांग की जा चुकी है।

 जाट समाज

राजस्थान में जाट समाज आबादी के हिसाब से टिकट की मांग करने के ​साथ ही अगला मुख्यमंत्री जाट समाज से बनाए जाने की रणनीति को लेकर दोनों दलों पर दबाव बनाए हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय जाट समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अप्रेल में मुलाकात की थी। इसके साथ ही, राजनीतिक दलों पर ज्यादा से ज्यादा टिकट की मांग की जा रही है।

ब्राह्मण समाज

ब्राह्मण समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों की ओर से पिछले छह महीने में कई बड़े आयोजन जयपुर तथा अन्य शहरों में किए गए। जिनमें प्रत्येक दल से 35 से 40 सीटें ब्राह्मणों को देने की मांग की गई है।

वैश्य समाज

अग्रवाल, वैश्य समाज की ओर से भी महारैली, महासंगम जैसे आयोजन जयपुर में किए गए है और आने वाले समय भी होने है। इनका एक ही मकसद है कि इस वर्ग की टिकट वितरण में कोई राजनीतिक दल उपेक्षा नही करें। वैश्य समाज की ओर से भी जयपुर में आयोजित महाकुंभ में अग्रवाल समाज ने विधानसभा चुनाव में 20—20 टिकट मांगे। साथ ही, राजस्थान में व्यापारी आयोग की स्थापना की मांग की। भाजपा ने सत्ता में आने पर आयोग की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया।

 देवासी समाज

देवासी समाज की ओर से जोधपुर में 29 अगस्त को एक बड़ा सम्मेलन कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। महाकुंभ में सरकार के सामने रखीं 5 मांगें रखी और स्पष्ट तौर पर कहा कि जो राजनीतिक दल इन मांगों को नजरंदाज करेगा, उसे चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आरक्षण को लेकर मौजूद विसंगतियों को दूर कर देवासी समाज को आरक्षण का लाभ देने, जनसंख्या के अनुपात में देवासी समाज की राजनितिक भागीदारी बढ़ाने, जिला और ब्लॉक स्तर पर देवासी समाज की शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराने, भूमिहीन देवासी समाज के लोगों को जमीन का पट्टा देने और घुमंतु परिवार के बच्चों के लिए प्रदेश भर में आवासीय विद्यालय खोलने की मांग की गई। इस महाकुंभ में पूर्व पशुपालन मंत्री ओटाराम देवासी, पूर्व मंत्री रतनलाल देवासी के साथ-साथ भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सागर रायका, भाजपा प्रदेश महामंत्री सांवला राम देवासी सहित देवासी समाज के कई नामचीन लोग मौजूद थे।

डांगी, पटेल, पाटीदार समाज

पिछले दिनों डांगी, पटेल, पाटीदार समाज का यह सामाजिक चिंतन शिविर उदयपुर के नगर निगम सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित किया गया। इसमें मेवाड़ और वागड़ के साथ गुजरात के डांगी पटेल पाटीदार समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम समाज के नेताओं ने कहा कि इन दिनों राजीतिक दलों द्वारा समाज के लोगों को राजनीति से दूर कर दिया गया है.ऐसे में समाज एकजुट होकर इस बार उसी को वोट देगा जो समाज के उम्मीदवार को टिकिट देगा। चिंतन शिविर के दौरान समाज के लोगों को उचित दर्जा दिलाने के लिए भी रणनीति तैयार की गई.इसमें शिक्षा बेरोजगारी और महिला उत्थान के लिए समाज एकजुट हो होकर आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। समाज के प्रबुद्ध जनों ने कहा कि जून में एक विशाल महासम्मेलन का आयोजन किया गया।

माली समाज

माली ,सैनी ,कुशवाहा ,मौर्य समाज ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर चक्का जाम करते हुए नेशनल हाइवे पर टेंट लगाया था। इसका मकसद एकजुटता दिखना था। माली समाज ने भी कांग्रेस और भाजपा से टिकटों की मांग की है। यह समाज भी 20—20 टिकट की मांग राजनीतिक पार्टियों से कर रहा है।

धाकड़ समाज

कोटा में खड़े गणेश जी स्थित धरणीधर गार्डन पर आयोजित बैठक में धाकड समाज की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई। धाकड़ समाज का दावा है कि राजस्थान में 17 विधानसभा क्षेत्रों में धाकड़ समाज और उसके विभिन्न घटकों का बाहुल्य है.ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों से कम से कम पांच सीटों पर धाकड़ समाज और उसके घटकों को टिकट दिए जाने की मांग की गई।

कुमावत समाज

राजस्थान कुमावत समाज की ओर से जयपुर महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत के मंच से समाज के नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी मंशा जाहिर की। समाज की ओर से बीजेपी और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों से 10-10 टिकट की मांग रखी है।

  • योगेश सैन

Spread the love
Continue Reading

News

Sen Jayanti 2022: 27 अप्रैल को मनाई जाएगी सैन जयंती

Published

on

sain samaj, sen community, nai community india, savita, napit,

संत सेनजी महाराज की जयंती वैशाख कृष्ण द्वादशी को आती है। इस साल यानि वर्ष 2022 में सेन जयंती 27 अप्रैल 2022, बुधवार के दिन है।

नाई समाज के आराध्य संत श्री सैन जी महाराज की जयंती 27 अप्रैल 2022 को धूमधाम से देशभर में मनाई जाएगी।

सैन जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियां देशभर में शुरु हो गई है। इस दिन विभिन्न शहरों में सैनजी महारजा की शोभायात्रा, कलश यात्राएं, सम्मान समारोह, रक्तदान शिविर आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे। सैन इंडिया की ओर से इन आयोजनों का लगातार कवरेज किया जाएगा।

ऐसे में निवेदन हैं कि सैन जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूचना आप हम तक आवश्य पहुंचाएं। इनका प्रकाशन सैन इंडिया डॉट कॉम पर किया जाएगा।

 

#sain_jayanti

#ssen_jayanti

#नाई_समाज

Spread the love
Continue Reading
Advertisement

Facebook

कुलदेवी

My Kuldevi4 years ago

श्रीबाण माता को कुलदेवी के रूप में पूजते है ये परिवार

श्री बाण माता का मुख्य मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। ब्राह्मणी माता, बायण माता और बाणेश्वरी माता जी...

Feature5 years ago

जमवाय माता को सैन समाज के कई परिवार मानते है कुलदेवी

जमवाय माता भगवान राम के पुत्र कुश के वंश कछवाहा की कुलदेवी है। सैन समाज में कुछ परिवार ऐसे हैं...

Feature5 years ago

सैन समाज के कई परिवारों की कुलदेवी है जीण माता

जीण माता कई परिवार एवं गोत्रों की कुलदेवी है। सैन समाज में भी कई गोत्र ऐसे हैं जो जीण भवानी...

Feature5 years ago

गलाना गांव में है इस गोत्र की कुलदेवी का प्राचीन मंदिर

गलाना गांव में  प्राचीन मंदिर आस्था का केंद्र है। यह गांव कोटा में जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर...

Feature5 years ago

भादरिया माता को कुलदेवी के रूप में पूजते है ये

श्री भादरिया माता का मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। विभिन्न समाजों में कई परिवारों में माता को कुलदेवी...

Feature5 years ago

कुलदेवी के रूप में होती है ‘मां नागणेची’ की पूजा

कई परिवारों में कुलदेवी के रूप में मां नागणेची की पूजा की जाती है। मां नागणेची को नागणेच्या, चक्रेश्वरी, राठेश्वरी...

Feature5 years ago

इन गोत्रों में कुलदेवी की रूप में पूजी जाती सच्चियाय माता

सैन समाज के विभिन्न गोत्रों की कुलदेवी परिचय की श्रंखला में प्रस्तुत हैं सच्चियाय माता की जानकारी। सच्चियाय माता का...

Feature5 years ago

सैन समाज के इन गोत्रों के लिये खास है हजारों साल पुराना देवी का यह मंदिर

अर्बुदा देवी मंदिर को अधर देवी के नाम से भी जाना जाता है। मां अर्बुदा, मां कात्यायनी का ही रुप...

Feature5 years ago

नारायणी धाम: पानी कितने साल से आ रहा हैं, जानकार रह जायेंगे हैरान

नारायणी धाम पर कुंड से अटूट जलधारा का रहस्य आज भी कोई नहीं जान सका है। पानी की धार लगातार...

Feature5 years ago

कर्मावती कौन थीं और कैसे बन गई नारायणी, जानिये

विजयराय और रामहेती के घर एक बालिका जन्मी। नाम रखा गया कर्मावती। सयानी होने पर उनका विवाह करणेश जी के...

Trending

Don`t copy text!