Connect with us

News

जनसपंर्क: कर्पूरी फार्मूले से ही अति पिछड़ों को मिलेगा लाभ

Published

on

चिंतन शिविर के आयोजन को लेकर जनसंपर्क अभियान के तहत नाराहट, ललितपुर में एक बैठक का आयोजन हुआ। इसमें सैन समाज को आरक्षण और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की मांग पुरजोर तरीके से उठाने पर जोर​ दिया गया।

बैठक की अध्यक्षता राममकिशन सेन माते ने की। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ों को आरक्षण का लाभ मिले, इसके लिये जरूरी है कि कर्पूरी फार्मूला देशभर में लागू किया जाये। केंद्र और सभी राज्य सरकारों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिये।
मुख्य अतिथि आर्य रत्न शिक्षक लखन लाल आर्य ने कहा कि दलितों, पिछड़ों के मसीहा जन नायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना चाहिये। उन्होंने आगामी 10 सितम्बर 2019 को महरौनी में होने बाले राष्ट्रीय सेन समाज चिंतन शिविर में सभी स्वजातीय बन्धुओ से आयोजन को सफल बनाने की अपील की। नाराहट सेन समाज अध्यक्ष भगीरथ सेन उर्फ कल्लू ने सभी से संगठित होकर समाज व राष्ट्र हित मे कार्य करने का आवाहन किया। महामंत्री सेन समाज महरौनी आचार्य गोपीलाल सेन हिन्द ने कहा कि शिक्षा ही समाज व राष्ट्र की उन्नति में सहायक हैं।

महरौनी में होगा चिंतन शिविर

समाजसेवी रामकुमार सेन अजान ने कहा कि युवाओ को नशे से दूर करते हुए सुशिक्षति व सुसंस्कारित करना होगा। युवा सेन समाज अध्यक्ष महरौनी राजीव सेन ने कहा कि सेन समाज की दशा और दिशा पर हम सभी को आत्म चिंतन करने की आवश्यकता हैं। समाजसेवी शैलेन्द्र सेन अटा ने कहा कि 10 सितंबर को महरौनी में होने बाले सेन समाज के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में देश से आये हुए स्वजातीय बन्धुयो को सुनने के लिए हम सभी को चलने का संकल्प लेकर आयोजन को सफल बनाना हैं।

केश कला बोर्ड के गठन पर आपकी क्या राय है?
शिक्षक पुष्पेंद्र सेन ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता हैं।  समाजसेवी अशोक सेन बुदनी,प्रेम नारायण सेन तारावली कोटेदार ने संयुक्तरूप से कहा कि समाज मे फैली हुई कुरीतियों के शमन हेतु युवाओ को संगठित होना होगा। इस अवसर पर लखन लाल सेन माते, भगीरथ सेन कल्लू अध्यक्ष, रमेश सेन प्रबन्धक,शैलेन्द्र सेन अटा,गजराज सेन,शिवम सेन,हरपाल सेन,सुरेंद्र सेन,रवि सेन,प्रकाश सेन,राम दास सेन,नीरज सेन,लख्खू सेन माते, आशीष सेन,विनोद सेन,प्रेमनारायण सेन तारावली कोटेदार,,हरिशंकर सेन,सोनू सेन,सन्तोष सेन आदि मौजूद थे। संचालन सेन समाज नाराहट महामंत्री आशीष सेन व आभार भगीरथ सेन कल्लू अध्यक्ष सेन समाज नाराहट ने जताया। यह बैठक 9 जुलाई 2019 को संपन्न हुई।

इंटरनेशनल प्लेयर गौरव सैन का स्वागत

Spread the love
Advertisement
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Feature

टिकटों के लिए सभी जातियां बना रहीं है दबाव, सैन समाज को भी प्रयास करने चाहिए

Published

on

राजस्थान में सैन यानि नाई समाज अति पिछड़ा वर्ग में शामिल है। इस समाज की बहुलता वाला कोई क्षेत्र विशेष नहीं है। इसलिए राजनीतिक दलों के स्तर पर हमेशा से उपेक्षा होती रही है। किशनाराम नाई, विमल भाटी, राजेंद्र ​सैन, महेंद्र गहलोत,प्रभु सैन ऐसे जुझारू नेता है जो टिकट के लिए दावेदार है। सूरतगढ़ में प्रभु सैन ने अपना बायोडेटा दिया है। वे क्षेत्र में काफी स​क्रिय है और उनकी पकड़ अन्य समाजों में भी है। वहीं, डूंगरगढ़ में किशनाराम नाई की भाजपा में वापसी भी समाज के लिए शुभ संकेत है। जयपुर में राजेंद्र सैन कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता है। उनके लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए।

जातियां गेमचेंजर की भूमिका निभाती है

राजस्थान में 200 विधानसभा क्षेत्रों में से  90 सीट ऐसी मानी जाती हैं जहां जातियां गेमचेंजर की भूमिका निभाती है। सत्ता तक पहुंचने की चाबी भी इनके हाथ रहती है। यहीं वजह है चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी प्रमुख जातियों के नाम से बोर्ड का गठन कर इन्हे साधने की कोशिश की। वहीं, ये जातियां भी संख्याबल के आधार पर राजनीतिक दलों से टिकटों की मांग कर रही हैं।

महाकुंभ, महासम्मेलन, महारैली, महासंगम, हुंकार रैली, मैराथन दौड़ जैसे आयोजनों के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर राजनीतिक दलों पर ​ज्यादा से ज्यादा टिकट के लिए दबाव बनाए हुए है। इन आयोजनों में भी सामाजिक और जातीय एकता पर जोर देते हुए एक ही संदेश दिया जा रहा है कि पार्टी-वार्टी कुछ नहीं बस, जाति के लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट मिले। मांग पूरी नहीं करने वाले राजनीतिक दलों को चुनाव में सबक सिखाने जैसी चेतावनी दी जा रही है।
इन आयोजनों और चेतावनी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों की टेंशन को बढ़ा रखा है। जिस हिसाब ये जातियां टिकट मांग रही हैं, उस संख्या में टिकट देने से कई समीकरण बिगड़ सकते है। दरअसल, कुछ बड़ी और प्रभावशाली जातियां ऐसी हैं जहां परस्पर प्रतिस्पर्धा के कारण राजनीतिक पार्टियों के लिए टिकट की संख्या बहुत मायने रखेगी। जाति आधारित जनगणना नहीं होने से किसी जाति या समाज के लोगों की वास्तविक संख्या और उनके प्रभाव क्षेत्रों का कोई सटीक और आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। पिछले चुनाव परिणामों के आधार पर विश्लेषण कर प्रभाव का आकलन किया जाता है। इन तमाम स्थितियों को देखते हुए राजनीतिक दल जातिगत आधार पर टिकट देने से बच रहे है और टिकट घोषणा किस तरह की जाए, इस पर भी मंथन कर रहे है ताकि किसी जाति को यह नहीं लगे कि उसकी उपेक्षा हुई है।

यह है जातिगत समीकरण

राजस्थान में 89 फीसदी आबादी हिंदू, 9 फीसदी मुसलमान और शेष दो फीसदी अन्य धर्मों के लोग है। एससी 18 और एसटी 13 फीसदी है। जाटों की आबादी 12 फीसदी, गुर्जर-राजपूतों की आबादी 9-9 फीसदी, जबकि ब्राह्मण-मीना की आबादी 7-7 फीसदी है। मारवाड़ और शेखावटी में करीब 50 सीटों पर जाट और राजपूत हार—जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मेवात में 20 सीटों पर गुर्जर, मीणा, जाट और मेव का प्रभाव है। हाड़ौती में 10 सीटों पर ब्राह्मण, जैन और वैश्य समाज तथा मेवाड़ में पाटीदार, पटेल, डांगी, देवासी और आदिवासी एक दर्जन सीटों पर समीकरणों को प्रभावित करते हैं। इन समीकरणों को देखकर भाजपा परिवर्तन यात्रा और नेताओं के दौरे तय कर रही है। परिवर्तन यात्रा का रूट और उनके प्रभारी पदाधिकारी इस पर तय किए हैं कि वे अपने प्रभाव से परम्परागत वोट बैंक को बचाते हुए कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी कर सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अ​मित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय मंत्रियों के दौरे एवं कार्यक्रम भी इन्हे देखकर तय किए जा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विभिन्न जातियों के बोर्डों का गठन कर जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। जाट जाति के लिए तेजाजी बोर्ड, राजपूत जाति के लिए महाराणा प्रताप और यादव के लिए कृष्ण बोर्ड बनाने की घोषणा हो चुकी है. गुर्जर के लिए देवनारायण बोर्ड, माली के लिए ज्योतिबा फुले , धोबी के लिए रजक, नाई के लिए केश कला, कुम्हार के लिए माटी कला, लोध के लिए अवंति बाई और बंजारा जाति के लिए घुमन्तु अर्ध घुमंतू बोर्ड का गठन किया जा चुका है।

कौन कितने वोट मांग रहा है

सैन समाज

सैन समाज की ओर से भी विभिन्न स्तर पर टिकट की मांग की जा रही है। राजस्थान में श्रीडूंगरगढ़, सूरतगढ़ में सैन समाज के लोगों टिकट प्राप्त करने के लिए सक्रिय है। समाज को कम से कम पांच—पांच टिकट भाजपा और कांग्रेस को ​देने चाहिए।

 राजपूत समाज

क्षत्रिय करणी सेना ने विधानसभा चुनाव में 75—75 सीटों पर राजपूत उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग की है। इतने टिकट नहीं देने पर निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतारने की चेतावनी दी है। 8 अक्टूबर को जयपुर में महापड़ाव आयोजित कर शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा। राजपूत समाज के अन्य संगठनों द्वारा सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से भी दबाव बनाया जा रहा है। समाज से जुड़े अन्य संगठनों की ओर से पहले भी हुंकार रैली तथा अन्य आयोजनों के माध्यम से टिकट की मांग की जा चुकी है।

 जाट समाज

राजस्थान में जाट समाज आबादी के हिसाब से टिकट की मांग करने के ​साथ ही अगला मुख्यमंत्री जाट समाज से बनाए जाने की रणनीति को लेकर दोनों दलों पर दबाव बनाए हुए हैं। अंतरराष्ट्रीय जाट समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी अप्रेल में मुलाकात की थी। इसके साथ ही, राजनीतिक दलों पर ज्यादा से ज्यादा टिकट की मांग की जा रही है।

ब्राह्मण समाज

ब्राह्मण समाज से जुड़े विभिन्न संगठनों की ओर से पिछले छह महीने में कई बड़े आयोजन जयपुर तथा अन्य शहरों में किए गए। जिनमें प्रत्येक दल से 35 से 40 सीटें ब्राह्मणों को देने की मांग की गई है।

वैश्य समाज

अग्रवाल, वैश्य समाज की ओर से भी महारैली, महासंगम जैसे आयोजन जयपुर में किए गए है और आने वाले समय भी होने है। इनका एक ही मकसद है कि इस वर्ग की टिकट वितरण में कोई राजनीतिक दल उपेक्षा नही करें। वैश्य समाज की ओर से भी जयपुर में आयोजित महाकुंभ में अग्रवाल समाज ने विधानसभा चुनाव में 20—20 टिकट मांगे। साथ ही, राजस्थान में व्यापारी आयोग की स्थापना की मांग की। भाजपा ने सत्ता में आने पर आयोग की मांग पूरी करने का आश्वासन दिया।

 देवासी समाज

देवासी समाज की ओर से जोधपुर में 29 अगस्त को एक बड़ा सम्मेलन कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया। महाकुंभ में सरकार के सामने रखीं 5 मांगें रखी और स्पष्ट तौर पर कहा कि जो राजनीतिक दल इन मांगों को नजरंदाज करेगा, उसे चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। आरक्षण को लेकर मौजूद विसंगतियों को दूर कर देवासी समाज को आरक्षण का लाभ देने, जनसंख्या के अनुपात में देवासी समाज की राजनितिक भागीदारी बढ़ाने, जिला और ब्लॉक स्तर पर देवासी समाज की शिक्षण संस्थाओं का निर्माण कराने, भूमिहीन देवासी समाज के लोगों को जमीन का पट्टा देने और घुमंतु परिवार के बच्चों के लिए प्रदेश भर में आवासीय विद्यालय खोलने की मांग की गई। इस महाकुंभ में पूर्व पशुपालन मंत्री ओटाराम देवासी, पूर्व मंत्री रतनलाल देवासी के साथ-साथ भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सागर रायका, भाजपा प्रदेश महामंत्री सांवला राम देवासी सहित देवासी समाज के कई नामचीन लोग मौजूद थे।

डांगी, पटेल, पाटीदार समाज

पिछले दिनों डांगी, पटेल, पाटीदार समाज का यह सामाजिक चिंतन शिविर उदयपुर के नगर निगम सुखाड़िया रंगमंच पर आयोजित किया गया। इसमें मेवाड़ और वागड़ के साथ गुजरात के डांगी पटेल पाटीदार समाज के लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम समाज के नेताओं ने कहा कि इन दिनों राजीतिक दलों द्वारा समाज के लोगों को राजनीति से दूर कर दिया गया है.ऐसे में समाज एकजुट होकर इस बार उसी को वोट देगा जो समाज के उम्मीदवार को टिकिट देगा। चिंतन शिविर के दौरान समाज के लोगों को उचित दर्जा दिलाने के लिए भी रणनीति तैयार की गई.इसमें शिक्षा बेरोजगारी और महिला उत्थान के लिए समाज एकजुट हो होकर आगे बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। समाज के प्रबुद्ध जनों ने कहा कि जून में एक विशाल महासम्मेलन का आयोजन किया गया।

माली समाज

माली ,सैनी ,कुशवाहा ,मौर्य समाज ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर चक्का जाम करते हुए नेशनल हाइवे पर टेंट लगाया था। इसका मकसद एकजुटता दिखना था। माली समाज ने भी कांग्रेस और भाजपा से टिकटों की मांग की है। यह समाज भी 20—20 टिकट की मांग राजनीतिक पार्टियों से कर रहा है।

धाकड़ समाज

कोटा में खड़े गणेश जी स्थित धरणीधर गार्डन पर आयोजित बैठक में धाकड समाज की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की गई। धाकड़ समाज का दावा है कि राजस्थान में 17 विधानसभा क्षेत्रों में धाकड़ समाज और उसके विभिन्न घटकों का बाहुल्य है.ऐसे में विभिन्न राजनीतिक दलों से कम से कम पांच सीटों पर धाकड़ समाज और उसके घटकों को टिकट दिए जाने की मांग की गई।

कुमावत समाज

राजस्थान कुमावत समाज की ओर से जयपुर महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत के मंच से समाज के नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी मंशा जाहिर की। समाज की ओर से बीजेपी और कांग्रेस जैसी प्रमुख पार्टियों से 10-10 टिकट की मांग रखी है।

  • योगेश सैन

Spread the love
Continue Reading

News

Sen Jayanti 2022: 27 अप्रैल को मनाई जाएगी सैन जयंती

Published

on

sain samaj, sen community, nai community india, savita, napit,

संत सेनजी महाराज की जयंती वैशाख कृष्ण द्वादशी को आती है। इस साल यानि वर्ष 2022 में सेन जयंती 27 अप्रैल 2022, बुधवार के दिन है।

नाई समाज के आराध्य संत श्री सैन जी महाराज की जयंती 27 अप्रैल 2022 को धूमधाम से देशभर में मनाई जाएगी।

सैन जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियां देशभर में शुरु हो गई है। इस दिन विभिन्न शहरों में सैनजी महारजा की शोभायात्रा, कलश यात्राएं, सम्मान समारोह, रक्तदान शिविर आदि कार्यक्रम आयोजित होंगे। सैन इंडिया की ओर से इन आयोजनों का लगातार कवरेज किया जाएगा।

ऐसे में निवेदन हैं कि सैन जयंती के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूचना आप हम तक आवश्य पहुंचाएं। इनका प्रकाशन सैन इंडिया डॉट कॉम पर किया जाएगा।

 

#sain_jayanti

#ssen_jayanti

#नाई_समाज

Spread the love
Continue Reading

News

सामूहिक विवाह सम्मेलन, एक नवंबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन

Published

on

सैन समाज सामूहिक विवाह समिति की ओर से बसंत पंचमी को पांचवां सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन हरणी महादेव, भीलवाड़ा, राजस्थान में होगा।
संस्थापक अध्यक्ष सुरेश कुमार सेन ने बताया कि सेन समाज सामूहिक विवाह समिति, भीलवाड़ा की ओर से 5 फरवरी, 2022 बसंत पंचमी को यह सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित होगा। इसके लिए पंजीकरण एक नवंबर 2021 से प्रारंभ होगा।

ई-श्रमिक कार्ड वर्कशॉप में बताया, कैसे करा सकते है नाई रजिस्ट्रेशन
इस सम्मेलन के लिए वर व वधू पक्ष से अलग-अलग 22100 रुपए पंजीकरण शुल्क तय किया है। अब तक 29 वैवाहिक जोड़ों की सूची तैयार हुई है। एक नवंबर को प्रथम दिन 11 वैवाहिक जोड़ों का पंजीकरण का किया जाएगा है। इस दिन शाम की शब्जी मंडी में पंजाब नेशनल बैंक के सामने समिति के कार्यालय का शुभारंभ भी होगा।

सैन (नाई) समाज के ताजा सामाचार प्राप्त करने के लिये फेसबुक पर लाइक करें और ट्विटर पर फॉलो करें। सैन समाज से जुड़ी जानकारी एवं समाचार आप हमारे माध्यम से पूरे समाज के साथ शेयर करें। यदि आपके पास कोई जानकारी या सूचना है तो हमें आवश्य भेजे। WHATSAPP NO. 8003060800

Spread the love
Continue Reading
Advertisement

Facebook

कुलदेवी

My Kuldevi3 years ago

श्रीबाण माता को कुलदेवी के रूप में पूजते है ये परिवार

श्री बाण माता का मुख्य मंदिर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित है। ब्राह्मणी माता, बायण माता और बाणेश्वरी माता जी...

Feature4 years ago

जमवाय माता को सैन समाज के कई परिवार मानते है कुलदेवी

जमवाय माता भगवान राम के पुत्र कुश के वंश कछवाहा की कुलदेवी है। सैन समाज में कुछ परिवार ऐसे हैं...

Feature4 years ago

सैन समाज के कई परिवारों की कुलदेवी है जीण माता

जीण माता कई परिवार एवं गोत्रों की कुलदेवी है। सैन समाज में भी कई गोत्र ऐसे हैं जो जीण भवानी...

Feature4 years ago

गलाना गांव में है इस गोत्र की कुलदेवी का प्राचीन मंदिर

गलाना गांव में  प्राचीन मंदिर आस्था का केंद्र है। यह गांव कोटा में जिला मुख्यालय से करीब 18 किमी दूर...

Feature4 years ago

भादरिया माता को कुलदेवी के रूप में पूजते है ये

श्री भादरिया माता का मंदिर जन-जन की आस्था का केंद्र है। विभिन्न समाजों में कई परिवारों में माता को कुलदेवी...

Feature4 years ago

कुलदेवी के रूप में होती है ‘मां नागणेची’ की पूजा

कई परिवारों में कुलदेवी के रूप में मां नागणेची की पूजा की जाती है। मां नागणेची को नागणेच्या, चक्रेश्वरी, राठेश्वरी...

Feature5 years ago

इन गोत्रों में कुलदेवी की रूप में पूजी जाती सच्चियाय माता

सैन समाज के विभिन्न गोत्रों की कुलदेवी परिचय की श्रंखला में प्रस्तुत हैं सच्चियाय माता की जानकारी। सच्चियाय माता का...

Feature5 years ago

सैन समाज के इन गोत्रों के लिये खास है हजारों साल पुराना देवी का यह मंदिर

अर्बुदा देवी मंदिर को अधर देवी के नाम से भी जाना जाता है। मां अर्बुदा, मां कात्यायनी का ही रुप...

Feature5 years ago

नारायणी धाम: पानी कितने साल से आ रहा हैं, जानकार रह जायेंगे हैरान

नारायणी धाम पर कुंड से अटूट जलधारा का रहस्य आज भी कोई नहीं जान सका है। पानी की धार लगातार...

Feature5 years ago

कर्मावती कौन थीं और कैसे बन गई नारायणी, जानिये

विजयराय और रामहेती के घर एक बालिका जन्मी। नाम रखा गया कर्मावती। सयानी होने पर उनका विवाह करणेश जी के...

Trending

Don`t copy text!