सैन जयंती 8 मई को है। सैन जयंती आयोजन की रुपरेखा विभिन्न संगठन बना रहे है। हालांकि कोरोना महामारी के चलते आयोजन सरकारी गाइडलाइन के अनुसार ही होंगे।

सैन जी महाराज
सैन समाज के आराध्य श्री सैन जी महाराज की जयंती 8 मई 2021 को है। पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना महामारी का असर सैन जयंती कार्यक्रमों पर पड़ने की आशंका बनी है। पिछले साल सैन जयंती 19 अप्रैल को थी और उस समय देशभर में लॉकडाउन और कई जगह कर्फ्यू था। इस वजह से कहीं भी सामूहिक आयोजन नहीं हो पाये थे। सैन परिवारों ने घरों में दीपक जलाकर आराध्य श्री सैन जी महाराज की पूजा अर्चन की थी।
इस साल सैन जयंती पर कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते आयोजन समितियां सरकारी गाइडलाइन का इंतजार कर रही है। इन समितियों के पदाधिकारियों के अनुसार, राज्य सरकारें एवं स्थानीय प्रशासन की मंजूरी मिलने के बाद ही शोभायात्राएं एवं कलशयात्रा या फिर सामूहिक कार्यक्रम आयोजित हो पाएंगे।
सैन जी महाराज: परिचय
भक्तमाल के सुप्रसिद्ध टीकाकार प्रियदास के अनुसार संत शिरोमणि सैन जी महाराज का जन्म विक्रम संवत 1557 में वैशाख कृष्ण-12 (द्वादशी), दिन रविवार को चन्दन्यायी के घर में हुआ था। बचपन में इनका नाम नंदा रखा गया।
वह क्षेत्र जहां सैन महाराज रहते थे सेनपुरा के नाम से जाना जाता है। यह स्थान बघेलखण्ड के बांधवगढ़ के अंतर्गत आता है। बिलासपुर-कटनी रेल लाइन पर जिला उमरिया से 32 किलोमीटर की दूरी पर बांधवगढ़ स्थित है।
संत सैन महाराज बचपन से ही विनम्र, दयालु और ईश्वर में दृढ़ विश्वास रखते थे। सेन महाराज ने गृहस्थ जीवन के साथ-साथ भक्ति के मार्ग पर चलकर भारतीय संस्कृति के अनुरूप जनमानस को शिक्षा और उपदेश के माध्यम से एकरूपता में पिरोया।
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