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संत झाड़ीसरा के निधन पर शोक

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समाजसेवी रामनिवास जी सैन झाड़ीसरा का निधन हो गया है। झाड़ीसरा के निधन पर राजस्थानी सेन समाज सेवा मंडल पूना के उप कोषाध्यक्ष राधाकृष्ण तंवर ने गहरी संवेदना जताई है।

समाजसेवी रामनिवास सेन झाड़ीसरा का निधन 9 मई को राजस्थान के नागौर जिले की तहसील झाड़ीसरा में हो गया। रामनिवास जी के निधन को राजस्थानी सेन समाज सेवा मंडल पूना के उप कोषाध्यक्ष राधाकृष्ण तंवर ने अपूरणीय क्षति बताई है। उन्होंने संवदेना संदेश में ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

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मंगल का सिंह राशि मे प्रवेश, जानिये किस राशि पर क्या होगा असर

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मंगल का राशि परिवर्तन ज्योतिष में अहम माना जाता है। मंगल  कर्क राशि से निकलकर मित्र सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर चुका है। इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ना स्वभाविक है।

डॉ योगेश व्यास,
ज्योतिषाचार्य(टॉपर)
नेट,पीएच डी(ज्योतिषशात्र)
मोबाइल नंबर: 8696743637

मंगल ने अपनी राशि बदली है। अभी तक कर्क राशि में चल रहे मंगल ने अब सिंह राशि में प्रवेश किया है। यह प्रवेश 9 अगस्त को हुआ है। इसका असर समस्त राशि के जातकों पर पड़ेगा। अब 17 अगस्त से सूर्य का प्रवेश भी सिंह में होने से मंगल और सूर्य सिंह राशि में रहेंगे।

किस राशि पर क्या असर होगा

मेष राशि– लग्नेश व अष्टमेश मंगल के पंचम भाव पर से गोचर भ्रमण होने से जमीन आदि मामलों में लाभ होने की संभावना है। आय में सुधार और विवादों की समाप्ति होगी। नए कार्य होंगे, नौकरी में प्रमोशन के मौके, आर्थिक नुकसान से बचाव होगा, विद्यार्थी वर्ग के लिए उत्तम रहेगा !
वृष राशि– सप्तमेश व व्ययेश मंगल का चतुर्थ भाव पर गोचर भ्रमण होने से कुछ चिंता रहने की संभावना है। माता से विवाद हो सकता है, स्वजनों से पीड़ा, कार्य बाधा के योग, योजनाओं में फेरबदल करना पड़ सकता है।
मिथुन राशि– षष्टेश व एकादशेश मंगल का तृतीय भाव से गोचरीय भ्रमण होने से आपकी योजनाओं में सामान्य स्थिति बनाएगा। कर्ज के मामले में सुधार दिखाई देगा। नौकरी पूर्व के समान ही रहेगी और व्यापार में यात्रा का योग बनेगा। कर्मचारी परेशान कर सकते हैं, धैर्य रखकर चलें।
कर्क राशि– पंचमेश व कर्मेश मंगल का द्वितीय भाव पर गोचरीय भ्रमण होने से बाधाएं और विवाद थम जाएंगे। अपनी क्षमता का फायदा उठाने में सक्षम रहेंगे। जमीन और कर्ज संबंधी मामलों में सुधार होगा। योजनाएं सफल होंगी, भोग-विलासिता में वृद्धि देगा।
सिंह राशि– सुखेश व भाग्येश मंगल के लग्न में गोचर से सभी मंगलकारी कार्य बनेंगे और सफलता प्राप्त होगी। विशेषकर विदेश जाने वालों को सफलता प्राप्त होगी, भाग्य में वृद्धि होगी।
कन्या राशि– तृतीयेश व अष्टमेश मंगल के द्वादश गोचर से शुभ परिणामों में कमी रहेगी । यह समय जमीन और ऋण के मामलों में संभलने का है। विवादों और जोखिमों से दूर रहें। पराक्रम बढ़ेगा व दांपत्य में कष्ट अनुभव करेंगे।
तुला राशि– द्वितीयेश व सप्तमेश मंगल के एकादश गोचर से मंगल शुभकारी होगा। जीवन साथी से विवाद समाप्त होगा और मधुरता स्थापित होगी। व्यापार-व्यवसाय व धन-धान्य के मामलों में लाभ होगा !
वृश्चिक राशि– लग्नेश व षष्टेश के दशम गोचर से यह सुख और शांति प्रदान करने वाला होगा। नवीन वाहन खरीदने की योजना बन सकती है। राज्य, व्यापार व राजनीति से लाभ मिलेगा। नौकरी में प्रमोशन और यात्रा का भी योग है।
धनु राशि– व्ययेश व पंचमेश मंगल के नवम भाव पर गोचर भ्रमण से भाग्योन्नति, रोगों में लाभ और वाहन सुख प्राप्त होगा, पराक्रम में वृद्धि और बाहरी मामलों में सुधार होगा !
मकर राशि– चतुर्थेश व लाभेश मंगल का अष्टम भाव पर से गोचर शारीरक पीड़ा, आय और ऋण संबंधी समस्याएं आ सकती हैं, कारोबार में रफ्तार मध्यम हो सकती है। जोखिम पूर्ण कार्य न करें।
कुंभ राशि– पराक्रमेश व दशमेश मंगल के सप्तम भाव पर गोचर से मंगल- योजनाएं बिगाड़ सकता है। साझेदारों से बचकर रहें, धन की कमी महसूस करेंगे। स्वयं के बल पर सफलता मिलेगी।
मीन राशि– धनेश व भाग्येश मंगल के षष्ट भाव से गोचरीय भ्रमण से मंगल शुभकारी होगा। ऋण संबंधी लाभ होगा, नए घर या जमीन खरीदने की योजना बन सकती है। प्रमोशन, भाग्योन्नति, धनलाभ के साथ-साथ खर्च भी अधिक रहेगा।

*यह लेखक के अपने विचार है। ज्योतिष फलदायक न होकर फल सूचक है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुचने से पहले कुंडली के और भी ग्रहो की स्तिथि, बलाबल को भी ध्यान में रख कर तथा किसी योग्य ज्योतिर्विद से परामर्श कर ही किसी भी निर्णय पर पहुचना चाहिए। ज्योतिष संबंधी किसी भी समाधान के लिए जयपुर कार्यालय पर या ONLINE सम्पर्क कर सकते हैं।

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