कलर थेरेपी वैकल्पिक चिकित्सा का एक रूप है। Color Therapy में विभिन्न रोगों का इलाज प्राकृतिक रंगों से किया जाता है। गिरराज प्रसाद सैन ने इस थेरेपी का प्रशिक्षण लिया और अब वे इस थेरेपी का उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज में कर रहे है।
राजस्थान की राजधानी पिंकसिटी जयपुर में बालाजी विहार, स्वेज फार्म, सोड़ाला, में उनका अपना कार्यालय है। कलर थेरेपी प्राकृतिक चिकित्सालय अनुसंधान केंद्र के गिरिराज सैन का कहना है कि शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ रखने में प्राकृतिक रंगों का काफी महत्व है। हमारे आसपास अनेक रंग है और इनका किसी न किसी रूप में हमारे शरीर, मन और आत्मा पर असर पड़ता है। शरीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उर्जा के असंतुलन को दूर करने में ये रंग काफी मददगार होते है। वे इस संबंध में कई संस्थाओं में आयोजित कार्यक्रमों में प्रशिक्षण भी दे चुके हैं।
रंगों में कंपन ऊर्जा पाई जाती है

गिरिराज सैन
लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी और बैंगनी यानी सात प्रकार के रंगों का अलग-अलग तरंग दैर्ध्य होता है। इन रंगों में एक प्रकार की कंपन ऊर्जा पाई जाती है, जो स्वास्थ्य संबंधी विकारों के विभिन्न प्रकार के इलाज हेतु इस चुंबकीय क्षेत्र के साथ अंतक्रियाएं करती है। इसी आधार पर वे विभिन्न रोगों का उपचार करते है।
उदाहरण के तौर पर हरा रंग। इस रंग में एक संतुलनकारी प्रभाव पाया जाता है। इसलिए जब इसे थाइमस ग्रंथि पर टारगेट किया जाता है तो यह टी-सेल उत्पादन को विनियमित करने में मदद करता है। लेकिन, जब इसे ट्यूमरों पर टारगेट करते हैं तो इसका प्रतिकूल प्रभाव नजर आता है। नारंगी रंग से जहां पेशियों में सूजन बढ़ जाती है, जबकि बैंगनी से मांसपेशियों के दर्द में आराम मिलता है। माइग्रेन, थाइराइड, डाबबिटिज जैसे रोगों के इलाज में कलर थेरेपी मददगार साबित हो सकती है। यह जरूरी है कि कलर थेरेपी योग्य चिकित्सक की देखरेख में होनी चाहिये।
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एक रंग-चिकित्सक को इस बात की गहरी जानकारी होनी चाहिए कि किस बीमारी में किस रंग का कब, कितना और कितनी देर तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे इलाज का वांछित असर प्राप्त हो। अन्यथा इसका दुरुपयोग होने पर प्रतिकूल परिणाम भी मिल सकते हैं। इसलिए अपने कलर थेरेपी लेने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिये। प्राकृतिक चिकित्सक सैन के अनुसार, कमर दर्द, सरवाईकल व स्लीप डिस्क, चणक, साईटिका, कंधे का दर्द, पीठ का दर्द, घुटने का दर्द, एडी का दर्द, मोटापा, डायबिटीज, धरण आदि का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा से हो सकता है। संपर्क :8955250488
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